ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने एएनआई से कहा कि, ”1993 में वहां पूजा-पाठ होती थी. मुलायम सिंह की तत्कालीन सरकार ने बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के उसको लोहे की पट्टिका से घिरवाकर वहां पूजा बंद करा दी थी. इसमें एक मुकदमा दायर किया गया उसमें दो रिलीफ मांगे गए. पहला रिलीफ मांगा गया कि व्यासजी के तहखाने के दरवाजे खिड़की टूटे हैं, जर्जर हैं और उस पर बलात कब्जा रोका जाए. जिला अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया जाए.”
उन्होंने कहा कि, ”कोर्ट ने 17 जनवरी 2024 को आदेश कर दिया और 24 जनवरी को जिलाधिकारी ने उसको अपने कब्जे में ले लिया. उन्होंने कहा कि हमने दूसरी प्रार्थना पर बल दिया. 30 जनवरी को हमने कहा कि पूजा-पाठ प्रारंभ करा दी जाए. प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया गया.”
अदालत ने कहा कि, मस्जिद के तहखाने में प्रवेश पर रोक के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने तहखाने को एएसआई के सर्वेक्षण के दौरान सील करने का आदेश दिया था.
ऐसे में अब तहखाने में 1993 के पहले के जैसे पूजा के लिए अदालत के आदेश से आने- जाने दिया जाएगा। अधिवक्ताओं ने विक्ट्री साइन दिखाते हुए जीत का जश्न मानाया।
https://khabarsureshot.com/interim-budget-2024-what-to-watch-out-for-in-indias-interim-budget/