One Nation, One Election कब से होगा लागू ? रामनाथ कोविंद समिति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट।

       लोकसभा, ​विधानसभा और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की संभावनाओं को लेकर बनी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। कोविंद पैनल ने सिफारिश की है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं उसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। 18,626 पेजों की इस रिपोर्ट के लिए 2 सितंबर 2023 को एक समिति का गठन किया गया था, जिसने 191 दिनों तक एक्सपर्ट के साथ चर्चा करने के बाद रिपोर्ट जमा की है।

 

 

रिपोर्ट में दी गई यह सलाह।

पहले एक साथ ही होते थे चुनाव।

      बता दें कि एक देश-एक चुनाव का सीधा सा मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ करा लिए जाएं। दरअसल, आजादी के बाद बाद कुछ सालों तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ ही होते थे। लेकिन बाद में समय से पहले विधानसभा भंग होने और सरकार गिरने के कारण ये परंपरा टूट गई ।  

विश्व के कई देशों ने चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए ‘एक देश, एक चुनाव’ के मॉडल की विविधताओं को अपनाया है।

 ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार पहली बार 1980 के दशक में प्रस्तावित किया गया था जहां चुनाव आयोग ने 1983 में सुझाव दिया था कि ऐसी सिस्टम विकसित की जानी चाहिए कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हो सकें।

 एक साथ चुनाव के लाभ

   विधि आयोग के अनुसार, एक साथ चुनाव कराने के कई फायदे हैं। जैसे कि

एक देश-एक चुनाव की चुनौतियां।

 रिपोर्ट पर आगे क्या होगा ?

    रिपोर्ट लोकसभा चुनाव के बाद कैबिनेट के सामने रखी जाएगी। कैबिनेट के फैसले के अनुरूप कानून मंत्रालय संविधान में वह नए खंड जोड़ेगा, जिसकी सिफारिश विधि आयोग ने की है, ताकि चुनाव एकसाथ हो सकें। इसे संसद के दोनों सदनों में पारित कराया जाएगा और राज्य विधानसभाओं से भी प्रस्ताव पारित करने की सिफारिश की जाएगी। इसके बाद तीन चरणों में 2029 तक लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ सुनिश्चित किए जा सकेंगे।

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