सूर्य नमस्कार के बारे में जाने।

 सूर्य नमस्कार क्या है ?

सूर्य नमस्कार, जिसका अर्थ है ‘सूर्य को नमस्ते’ कहना, बारह शक्तिशाली योग मुद्राओं का एक क्रम है। इसे विश्व के सर्वोच्च ऊर्जा स्रोत सूर्य को सम्मान देने की प्रथा मानी जाती है। इसके अलावा, यह आसन हृदय व्यायाम (cardiovascular exercise)के रूप में काफी लोकप्रिय है जो मन और शरीर पर Positive प्रभाव डालता है। किसी भी तरह के एक्सरसाइज और योग की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर आप रोजाना नियम से सूर्य नमस्कार के बारहों स्टेप्स करेंगे। रोजाना सुबह के समय सूर्य के सामने इसे करने से शरीर को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है जिससे शरीर को मजबूती मिलने के साथ ही स्वस्थ रखने में भी मदद मिलती है

सूर्य नमस्कार के  steps.

सूर्य नमस्कार के प्रत्येक चक्र में  योग मुद्राओं के दो सेट होते हैं। सूर्य नमस्कार करने के कई तरीके हैं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, एक विशेष संस्करण के साथ रहने और नियमित रूप से इसका अभ्यास करने की सलाह दी जाती है।

सूर्य नमस्कार कब करें?

Refreshing भरे अनुभव के लिए सूर्य नमस्कार सुबह के समय सूर्य की ओर मुंह करके करना सबसे अच्छा होता है। शरीर की प्रत्येक गतिविधि सांस लेने, मोड़ने पर सांस छोड़ने और हर खिंचाव पर या जब आप शरीर को लंबा करते हैं तो सांस लेने के साथ समकालिक होती है। sequenceको खाली पेट किया जाए।

सूर्य नमस्कार के  steps.

सूर्य नमस्कार के प्रत्येक चक्र में  योग मुद्राओं के दो सेट होते हैं

 

प्रणामासन (Pranamasana) :-

यह उगते हुए सूर्य को प्रणाम करने का आसन है प्रणामासन एक शांतिपूर्ण योग आसन है जो स्थिर स्थिति में किया जाता है। ये आसन परमशांति में स्थिर रहकर शरीर और मन में शांति बनाए रखने के बारे में है। काम के तनाव भरे माहौल के बीच अक्सर दिमाग निराश होने लगता है।

       How To Do ?:- खुले मैदान में योगा मैट के ऊपर खड़े हो जाएं और सूर्य को नमस्कार करने के हिसाब से खड़े हो जाएं। सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को जोड़ कर सीने से सटा लें और गहरी, लंबी सांस लेते हुए आराम की अवस्था में खड़े हो जाएं।

   हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana.):-
इस योगासन की मदद से सीने को फैलाने और हृदय की पसलियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।लोअर बैक मसल्स और रीढ़ की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए यह योगासन काफी फायदेमंद है।   पैरों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए हस्त उत्तानासन योग बेहद फायदेमंद है।

 How To Do ? :-   पहली अवस्था में खड़े रहते हुए सांस लीजिए और हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। और पीछे की ओर थोड़ा झुकें। इस बात का ध्यान रखें कि दोनों हाथ कानों से सटे हुए हों। हाथों को पीछे ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की ओर ले जाएं।

 पादहस्तासन (Hasta Padasana):-

 पादहस्तासन योग पेट की चर्बी को कम करने, Digestion संबंधी समस्याओं को ठीक करने, तनाव को कम करने और जांघ की Muscles पर  Stretchदेने में मदद करता है। इसे अलावा यह हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता हैं और आपके बालों और चेहरे को भी सुंदर बनाता है।

 How To Do ?:- हस्तोतानासन की मुद्रा से सीधे हस्त पादासन की मुद्रा में आना होता है। इसके लिए हाथों को ऊपर उठाए हुए ही आगे की ओर झुकने की कोशिश करें। ध्यान रहें कि इस दौरान सांसों को धीरे-धीरे छोड़ना होता है। कमर से नीचे की ओर झुकते हुए हाथों को पैरों के बगल में ले आएं।

 अश्व संचालनासन ( Ashwa Sanchalanasana):-

अश्व संचालनासन का रोजाना अभ्यास करने से आपके शरीर की मांसपेशियों को बहुत फायदा मिलता है। इस योगासन के अभ्यास में शरीर के निचले भाग की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है।अश्व संचालनासन का अभ्यास आपकी पीठ को मजबूत करने का काम करता है। इस आसन के अभ्यास के दौरान आपकी पीठ पर जोर पड़ता है और स्ट्रेच होती है।अश्व संचालनासन का रोजाना अभ्यास करने से आपके फेफड़ों को फायदा मिलता है और सीने की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।

How To Do? :- हस्त पादासन से सीधे उठते हुए सांस लें और बांए पैर को पीछे की ओर ले जाएं और दांये पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती के दाहिने हिस्से से सटाएं। हाथों को जमीन पर पूरे पंजों को फैलाकर रखें। ऊपर की ओर देखते हुए गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं।

 दंडासन ( Dandasana):-

दंडासन के अभ्यास के दौरान आप लंबे समय तक अपनी स्पाइन को सीधा रखते हैं। कोर की ताकत बढ़ाता है,पोस्चर में सुधार करता है,पाचन के बेहतर करता है ,दिमाग को Relax करता है ,मांसपेशियों को मजबूत करे, कंधों को Stretch करता है

   How To Do? :- गहरी सांस लेते हुए दांये पैर को भी पीछे की ओर ले जाएं और शरीर को एक सीध में रखे और हाथों पर जोर देकर इस अवस्था में रहें। 

 अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara):-

अष्टांग नमस्कार योग का अभ्यास करने से आपके शरीर का लचीलापन बढ़ता है और साथ ही रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। अष्टांग नमस्कार योग आपके अंगों को मजबूत बनाता है। साथ ही इसे हाथ, पैर, घुटने, हिप्स और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इस योगासन के अभ्यास से आपकी मानसिक क्षमता बढ़ती है और साथ ही एकाग्रता भी बढ़ती  है।

   How To Do ?:- अब धीरे-धीरे गहरी सांस लेते हुए घुटनों को जमीन से छुआएं और सांस छोड़ें। पूरे शरीर पर ठोड़ी, छाती, हाथ, पैर को जमीन पर छुआएं और अपने कूल्हे के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं।

 भुजंगासन ( Bhujangasana):-

भुजंगासन में Stretching की जाती है, जो शरीर को Flexible  बनाने में मदद करती है। इस रिसर्च में यह बताया गया है कि Stretching  वाले आसन कंधे, पीठ और गर्दन के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते है।भुजंगासन कमर, पीठ और रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद है। यह कमर दर्द और और पीठ के दर्द से राहत देता है। काफी देर एक जगह पर बैठे रहने के कारण होने पीठ और कमर दर्द से राहत के लिए भुजंगासन किया जा सकता है।

 How To Do ?:- कोहनी को कमर से सटाते हुए हाथों के पंजे के बल से छाती को ऊपर की ओर उठाएं। गर्दन को ऊपर की ओर उठाते हुए पीछे की ओर ले जाएं। 

अधोमुख शवासन( Adho Mukha Svanasana)

अधोमुख श्वानासन करने से बालों की ग्रोथ तेजी से होते है और बाल मोटे और घने होते हैं. नियमित रूप से अधोमुख श्वानासन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. अधोमुख शवासन योग हर आयु के लोग आसानी से कर सकते हैं। इस योग के अभ्यास से रक्त संंचरण   (blood circulation)ठीक रहता है। शरीर को ताकत मिलती है और स्ट्रेचिंग करने में मदद करता है। कमर दर्द, सिर दर्द, थकान और अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए ये योगासन लाभकारी है।

 How To Do? :-अधोमुख शवासन के चरण में  Hips को ऊपर की ओर उठाएं लेकिन पैरों की एड़ी जमीन पर टिका कर रखें। शरीर को अपने V के आकार में बनाएं।

 पर्वतासन (Parvatasana):-

पर्वतासन डिप्रेशन और चिंता से पीड़ित लोगों के लिए उत्तम है। नियमित अभ्यास से मन शांत होता है और सिरदर्द, अनिद्रा और थकान दूर होती है। वजन घटाने के नुस्खे की तलाश करने वालों के लिए, यह आसन बहुत मददगार है। यह ब्रेन में ब्‍लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।आसन रीढ़ को लंबा कर सकता है और लंग्‍स की क्षमता को बढ़ाकर चेस्‍ट की मसल्‍स को मजबूत करता है।

 How To Do? :- पर्वतासन को करने के लिए किसी साफ- सुथरी जगह पर वज्रासन में बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे दोनों हाथों और पैरों के पंजो को जमीन पर रखें। जमीन पर वजन देते हुए अपनी कमर को त्रिकोणीय आकार की तरह ऊपर जितना बन सके उतना खींचें। 

             

The best time to do Surya Namaskar is before sunrise.

Practicing Surya Namaskar steps is best done early morning on an empty stomach.

Doing Surya Namaskar improves the posture of your entire body.

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